संपत्ति दो प्रकार की मानी जाती है; स्वअर्जित संपत्ति और पुश्तैनी संपत्ति। इसमें घर, जमीन, खेती, मूल्यवान वस्तू आदी का अंतर्भाव होता है। पुश्तैनी संपत्ति या फिर उसे हम पैतृक संपत्ति भी कह सकते है जो हमारे पिछले पिढ़ियों से विरासत में मिलती है। तो अब हम जानते है की ‘पुश्तैनी जमीन का बंटवारा कैसे करें’ उसके क्या-क्या नियम होते है और कितने प्रकार से आप ये बटवारा कर सकते है।
आपके प्रॉपर्टी से जुड़े कानूनी व्यवहारों के लिए नोब्रोकर प्रोफेशनल लीगल सर्विसेस् से अवश्य संपर्क करेंपैतृक संपत्ति का बंटवारा कैसे करें :
मौखिक बटवारा : इस बटवारे को अंग्रेजी में ओरल बटवारा कहा जाता है। गाव में पहले बुजुर्ग लोग सिर्फ बोलकर अपने वारिसों में जमीन के टुकड़े के बटवारा कर देते थे जिसका कोई कागजी सबूत नहीं होता; आज की तारीख में इस बटवारे की वजह से कोर्ट में केसेस चल रहे है।
सहमति बटवारा : इसमें सभी वारिसों की आपसी सहमति से जमीन का बटवारा किया जाता है और तहसील स्तर पे जाकर सहमति से पुश्तैनी जमीन का बटवारा करने का आवेदनपत्र दिया जाता है। फिर तहसीलदार लिखित तौर पे आपका बटवारा करके देंगे आपको उसकी रसीद भी प्राप्त होगी, इसमें आपको नाममात्र शुल्क लगेगा। आप जिले के रेजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर भी बटवारे की रेजिस्ट्री करवा सकते है उसमे ज्यादा चार्ज लगेगा। ये दोनों ही प्रक्रिया लीगल है, भविष्य में इससे आपको कोई आपत्ति नहीं हो सकती।
पारिवारिक समझौता पत्र (मेमोरेंडम ऑफ फॅमिली सेटलमेंट) : इस बटवारे में पुश्तैनी जमीन के वारिसों में एक पारिवारिक स्तर पे विनिमय होता है जिसमें आपसी सहमती से सभी के हिस्से तय होते है। ये प्रक्रिया लोकप्रतिनिधी के साक्ष से पूरी होती है जैसे पंचायत के सदस्य, सरपंच आदी। इसमें स्टाम्प पेपर पर सभी साक्षीदारों के और वारिसों के सिग्नेचर होते है।
पार्टीशन सूट : अगर पैतृक संपत्ति में आप अकेले बटवारा चाहते है कोई दूसरा वारिस इसके लिए तैयार नहीं है या फिर आपका हिस्सा विवाद में है तो आप न्यायालय में पार्टिशन सूट दाखिल कर सकते है। सभी दस्ताइवजों को मध्य नजर रखकर कोर्ट फैसला सुनाता है। कोर्ट की तरफ से बाकी वारिसों को नोटिस भेजी जाती है; वो सुनवाई के दिन हाजिर होते है तो उनकी राय ली जाती है और सारे सबूत आपकी बाजू भक्कम बनाते है तो कोर्ट की सुनवाई आपके राय में दी जाती है।
तो उम्मीद है की Pushtaini jamin ka batwara kaise kare इससे संबंधित जानकारी आपको प्राप्त हुई होगी। उपरोक्त किसी भी एक तरीके को अपनाकर आप प्रॉपर्टी का बटवारा कर सकते है।
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Maine जमीन बंटवारे के नियम ke baare me tab jaana jab mere gaon ke pushtaini jameen ke batware ki samasya khadi thi. Mere saare bhai behen iss batwara ko behad shantipurna tareeke se karne chahte the isliye humne ye nirnay liya ki hum pehle saare niyam achhi tarah samjhenge taaki humare beech mekoi khataas na aaye.
Pushtaini zameen ka batwara
Pushtaini jameen ka bantvaara karne ke liye nimnlikhit tareeke hain:
Sahamati Batawara: Yah sabse saral tareeka hai. Sabhi vaariso ki aapsi sahamati se jameen ka bantvaara kiya jaata hai. Iske liye ek batawara naam taiyaar kiya jaata hai, jismen jameen ke hisson ka vivaran hota hai.
Adaalat mein Mukadama: Yadi vaarison ke beech sahamati nahin ho paati hai, to ve adaalat mein mukadama daayar kar sakte hain. Adaalat mamle ki jaanch karegi aur vaarison ke beech jameen ka bantwaara karegi.
Sahmati pusteni jamin ka batwara karne ke liye nimnalikhit charanon ka paalan kiya ja sakta hai:
Sabhee vaarison ko ek saath bulaen.
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Sabhee vaarison ko samajhaute par hastakshar karavaen.
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Bhoomi ka dastavej
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Jameen ke bantaware ke liye ek aavedan
Adaalat mein mukadama daayar karane ke baad, adaalat maamle ki jaanch karegi aur vaarison ke beech jameen ka bantawara karegi. Adaalat dvaara kiye gaye bantaware ko sabhi vaarison ko maanna hoga.
Pushtaini jameen ka batwara karte samay nimnalikhit baaton ka dhyaan rakhana chahiye:
Jameen ke bantaware ke liye sabhi vaarison ki sahmati hona aavashyak hai.
Jameen ke bantaware ke liye ek samajhauta taiyaar kiya jaana chahiye.
Sahmati bantaware ki sthiti mein, samajhaute ko sabhi vaarison dvaara hastaksharit hona chahiye.
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पुश्तैनी जमीन का बंटवारा कैसे करें
Chandan
21532Views
1 Year
2023-04-07T16:02:08+00:00 2023-04-17T14:32:22+00:00Comment
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