जमीन के कुछ प्रकार पड़ते है, जिनपर उनकी उपयोगिता तथा नियम तय किये गए है जैसे कृषियोग्य जमीन, गैर-कृषियोग्य जमीन उनमें भी रैयती भूमि, परती भूमि, आबादी की जमीन, मजरूहा-गैरमजरूहा जमीन आदी प्रकार शामिल है। यहा raiti jamin kya hai इसके क्या नियम है इस भूमि के अधिकार किसके पास होते है, ‘रैयत’ कौन कहलाता है, इन सवालों के जवाब जानते है।
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रैयती जमीन किसे कहते है ?
प्रथा अनुसार किसान अपने खेती का वो हिस्सा जो जमीनदार के लिए जोता जाता था उसे रैयती जमीन कहते थे।
एक ऐसी जमीन जिसके ऊपर किसी व्यक्ति को स्वामित्व के अधिकार प्राप्त हुआ हो फिर वो अधिकार पूर्वजों से प्राप्त हुआ हो या खुद से खरीदा गया हो वो रैयती जमीन कहलाती है।
जिसके नाम से रैयती जमीन लिख दी जाती है सारे दस्तावेज यानि रैयती खतियान जिस व्यक्ति के नाम से किया जाता है वो ‘रैयत’ होता है।
रैयती जमीन के सारे अधिकार रैयत के पास होते है जैसे रैयत अपने रैयती जमीन को दान दे सकता है, बेच सकता है, उस जमीन पर खेती कर सकता है या फिर घर-व्यवसाय खड़ा कर सकता है।
अगर आपके पास रैयती खतियान है तो रैयत के अधिकार से आप वो रैयती जमीन किसी और के नाम कर सकते है।
रैयती जमीन किसे कहते है?
Naresh
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1 Year
2023-07-20T16:31:58+00:00 2023-08-02T21:31:36+00:00Comment
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