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Q.

संपत्ति का अधिकार कब हटाया गया

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1 2023-04-17T12:26:36+00:00

भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार तथा कानूनी अधिकारों का अंतर्भाव है। मौलिक अधिकारों को मानवाधिकार भी कहा जाता है। हमारे संविधान में सात मौलिक अधिकार शामिल थे; परंतु बाद में इनमें से एक अधिकार को हटाया गया, वो था संपत्ति का अधिकार। तो अब ‘sampatti ka adhikar kab hataya gaya’ इसके बारें में विस्तार से जानेंगे।

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संपत्ति के अधिकार की वर्तमान स्थिति क्या है :

वर्तमान में भारतीय संविधान में छह मौलिक अधिकार है,

  1.  

    समता का अधिकार  

  2.  

    स्वतंत्रता का आधिकार

  3.  

    शोषण के विरुद्ध अधिकार

  4.  

    धर्म स्वतंत्रता का अधिकार

  5.  

    संस्कृति एवं शिक्षा का अधिकार

  6.  

    संविधानिक उपचारों का अधिकार

‘संपत्ति के अधिकार (Right to Property)’ को उपरोक्त मौलिक अधिकारों के सूची से हटाया गया और संविधान के अनुच्छेद 300(क) में कानूनी अधिकारों (विधिक अधिकारों) में रख दिया गया।  

संपत्ति का अधिकार क्यों हटाया गया (sampatti ka adhikar kyon hataya gaya) :

  •  

    संपत्ति का अधिकार मौलिक होने की वजह से सरकारी योजनाओ के लिए उस भूमि का सरकार उपयोग करने में सक्षम नहीं थे क्योंकि संविधान के तहत किसी भी व्यक्ती को मौलिक अधिकार कोई वंचित नहीं कर सकता, सरकार भी नहीं।

  •   

    इसिलिए संविधानिक संशोधन के आधार पर ये अधिकार हटा दिया गया। कानूनी अधिकारों सरकार वैध कारणवश उचित मूल्य के बदले में संबंधित व्यवक्ती के भूमि का अधिग्रहण कर सकती है, ये अधिकार सिर्फ सरकार का होता है; किसी अन्य व्यक्ती को नहीं। ‘संपत्ति का अधिकार किस संशोधन द्वारा हटाया गया’ ये भी आगे जानेंगे।

  • नागरी सुविधाओं के लिए, सड़क बनाने के लिए, अन्य विकास प्रकल्प एवं योजनाओं और सार्वजनिक सेवाओं के लिए सरकार को नागरिकों की भूमि की आवश्यकता होती है।

  • ‘संपत्ति के अधिकार को कब हटाया गया’ इसका जवाब है 1978 में मोरारजी देसाईजी के प्रधानमंत्री काल में 44 वे संवैधानिक संशोधन के तहत अनुच्छेद 19 और अनुच्छेद 31 से हटाकर अनुच्छेद 300 में रख दिया।

  • ‘sampatti ka adhikar kaisa adhikar hai’ इसका उत्तर है की ये पहले तो मौलिक अधिकार था यानि किसी भी व्यक्ती के संपत्ति का अगर हनन हो रहा हो तो वो सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में अपील कर सकता था, इसके कारण सरकार विकास कार्यों के लिए नागरिकों की जमीन प्राप्त करने में असक्षम थे। परंतु; 1978 से इस अधिकार को कानूनी अधिकार बनाया गया ताकि सरकार को मुआवजा प्रदान करके विकास प्रकल्प के लिए नागरिकों की भूमि का अधिग्रहण करने में कोई समस्या ना आए।

आशा है की आपको ‘संपत्ति का अधिकार कब हटाया गया (sampatti ka adhikar kab hataya gaya)’ इससे जुड़ी जानकारी अवगत हो गई होगी।

 

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